महात्मा गांधी जी को मारने का प्रथम प्रयास नाथूराम गोडसे ने नहीं बल्कि इसने किया था....





     हमारे देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी को ३० जनवरी , १९४८ को नाथूराम गोडसे ने गोली मारकर हत्या कर दी। लेकिन उससे पहले भी गांधी जी की हत्या करने का प्रयास किया गया जो कि विफल रहा ।

     गांधी जी की हत्या करने के लिए नाथूराम गोडसे के साथ नारायण आप्टे, विष्णु करकरे , दिगम्बर बड़गे और शंकर किस्तैया दिल्ली आए थे ।
   
     हुआ यूं कि २० जनवरी , १९४८ के दिन गांधी जी की हत्या करने की योजना बनाई गई थी , लेकिन नाथूराम गोडसे को अधाशिशी बीमारी की वजह  से उसी दिन सुबह सर में जोरो का दर्द उठा जिसकी वजह से हो कहीं जाने  के लायक शक्ति उसमे नहीं थी इसी कारण बाकी साथियों  ने नाथूराम गोडसे को वहीं छोड़ अपनी योजना को अंजाम देने के लिए निकल ने का  निर्णय लिया।

     नारायण आप्टे, विष्णु करकरे , दिगम्बर बड़गे और शंकर किस्तैया यह चार लोग बिरला हाउस की तरफ निकल पड़े , लेकिन हो हत्या करे उससे पहले ही पुलिस के हाथो चड गए और उसकी योजना नाकाम रही।



     उसके बाद नाथूराम गोडसे ने ३०, जनवरी ,१९४८ के दिन बिरला हाउस में " नमस्ते " बोलकर गांधी जी पर गोलियां चला  दी । उसके बाद हो भागने  के बजाय वहीं खड़े रहकर खुद को पुलिस के हवाले कर दिया ।

✓✓ नाथूराम गोडसे के कहने के मुताबिक गांधी जी के आखरी शब्द " है राम " नहीं थे बल्कि गांधीजी के मुंह से " आह "  निकला था। ✓✓

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